Wednesday 21 August 2024

कविता. ५२४१. सरगम को आशाओं की।

                               सरगम को आशाओं की।

सरगम को आशाओं की पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ तलाश सुनाती है अरमानों को किनारों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की मुस्कान तराना दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच सरगम सुनाती है उजालों को बदलावों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की कहानी पुकार दिलाती है अल्फाजों को लम्हों की परख उमंग सुनाती है दास्तानों को एहसासों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की सौगात आस दिलाती है कदमों को अदाओं की मुस्कान तराना सुनाती है खयालों को अंदाजों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की समझ अहमियत दिलाती है इरादों को राहों की कहानी सहारा सुनाती है आवाजों को सपनों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की सोच अल्फाज दिलाती है तरानों को एहसासों की रोशनी आस सुनाती है कदमों को जज्बातों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की उमंग आवाज दिलाती है उम्मीदों को अरमानों की परख बदलाव सुनाती है अफसानों को लहरों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की सुबह बदलाव दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अल्फाज सुनाती है उजालों को राहों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की रोशनी पहचान दिलाती है आवाजों को लहरों की पहचान कोशिश सुनाती है दिशाओं को इरादों संग आहट दिलाती है।

सरगम को आशाओं की आस दास्तान दिलाती है कदमों को आवाजों की धून अहमियत सुनाती है नजारों को दिशाओं संग आहट दिलाती है।

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