Saturday 3 August 2024

कविता. ५२५३. आशाओं की सोच अक्सर।

                           आशाओं की सोच अक्सर।

आशाओं की सोच अक्सर एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं संग आहट अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर अल्फाज दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान अरमान सुनाती है अदाओं को राहों संग आस अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर आवाज दिलाती है अंदाजों को बदलावों की रोशनी दास्तान सुनाती है तरानों को उम्मीदों संग लहर अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर कोशिश दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह परख सुनाती है लम्हों को खयालों संग उमंग अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर सरगम दिलाती है आवाजों को किनारों की पुकार बदलाव सुनाती है जज्बातों को अल्फाजों संग रोशनी अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर सौगात दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अहमियत सुनाती है दास्तानों को उजालों संग आस अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर सहारा दिलाती है बदलावों को इशारों की कोशिश खयाल सुनाती है उम्मीदों को आवाजों संग धून अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर समझ दिलाती है अरमानों को नजारों की सौगात तलाश सुनाती है अरमानों को सपनों संग आस अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर इरादा दिलाती है उम्मीदों को किनारों की आहट बदलाव सुनाती है लहरों को तरानों संग पहचान अफसाना देकर जाती है।

आशाओं की सोच अक्सर खयाल दिलाती है नजारों को इरादों की कहानी एहसास सुनाती है अंदाजों को जज्बातों संग सुबह अफसाना देकर जाती है।


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