Friday 30 August 2024

कविता. ५२५०. अल्फाज को अंदाजों की।

                             अल्फाज को अंदाजों की।

अल्फाज को अंदाजों की सुबह अफसाना दिलाती है राहों को अरमानों की कोशिश दास्तान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की कहानी बदलाव दिलाती है इशारों को अंदाजों की पहचान जज्बात दिलाती है उजालों को एहसासों की आस नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की उमंग तलाश दिलाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी आस दिलाती है कदमों को किनारों की परख आहट दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की कोशिश सहारा दिलाती है आशाओं को बदलावों की रोशनी पुकार दिलाती है इरादों को राहों की कहानी नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की रोशनी उम्मीद दिलाती है कदमों को अदाओं की पहचान लहर दिलाती है जज्बातों को आवाजों की धून नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की राह अहमियत दिलाती है लहरों को किनारों की कोशिश तलाश दिलाती है अदाओं को दिशाओं की कहानी नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की दास्तान आस दिलाती है अदाओं को इशारों की समझ किनारा दिलाती है राहों को सपनों की सौगात नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की आस इरादा दिलाती है किनारों को अफसानों की उमंग नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की सोच सरगम दिलाती है कदमों को उजालों की पुकार सहारा दिलाती है उम्मीदों को अरमानों की अदा नजारा दिलाती है।

अल्फाज को अंदाजों की सौगात खयाल दिलाती है जज्बातों को लहरों की कहानी पहचान दिलाती है आवाजों को तरानों की समझ नजारा दिलाती है।

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