Tuesday 6 August 2024

कविता. ५२५६. उम्मीदों से कदमों की।

                               उम्मीदों से कदमों की।

उम्मीदों से कदमों की सुबह एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी जज्बात सुनाती है अफसानों को दिशाओं की सरगम सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की आस अल्फाज दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान दास्तान सुनाती है नजारों को अंदाजों की परख सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की पुकार पहचान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की आस एहसास सुनाती है उजालों को बदलावों की सौगात सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की उमंग तलाश दिलाती है अरमानों को सपनों की रोशनी आवाज सुनाती है तरानों को एहसासों की लहर सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की राह रोशनी दिलाती है आशाओं को बदलावों की अदा इरादा सुनाती है इशारों को अंदाजों की कहानी सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की समझ खयाल दिलाती है आवाजों को राहों की पहचान पुकार सुनाती है किनारों को सपनों की सुबह सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की अदा कोशिश दिलाती है आशाओं को किनारों की सरगम आहट सुनाती है लम्हों को अरमानों की रोशनी सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की पहचान लम्हा दिलाती है दिशाओं को अफसानों की आस अल्फाज सुनाती है अरमानों को उजालों की समझ सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की दास्तान अंदाज दिलाती है बदलावों को लहरों की अहमियत तलाश सुनाती है राहों को लम्हों की पहचान सोच दिलाती है।

उम्मीदों से कदमों की आवाज जज्बात दिलाती है इशारों को दास्तानों की सौगात अफसाना सुनाती है जज्बातों को किनारों की आहट सोच दिलाती है।

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