Thursday 8 August 2024

कविता. ५२५८. दिशाओं को किनारों की।

                            दिशाओं को किनारों की।

दिशाओं को किनारों की आहट अफसाना सुनाती है नजारों संग आशाओं की मुस्कान सपना सुनाती है तरानों की पहचान इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की आवाज पुकार सुनाती है जज्बातों संग अरमानों की कोशिश पहचान सुनाती है अंदाजों की परख इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की रोशनी तलाश सुनाती है अफसानों संग दास्तानों की परख सरगम सुनाती है जज्बातों की अहमियत इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सोच कोशिश सुनाती है अंदाजों संग उजालों की सुबह उमंग सुनाती है लम्हों की कहानी इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की समझ सौगात सुनाती है खयालों संग उम्मीदों की आहट बदलाव सुनाती है एहसासों की रोशनी इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सरगम आवाज सुनाती है लहरों संग अल्फाजों की पुकार कोशिश सुनाती है अफसानों की धून इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सुबह दास्तान सुनाती है दास्तानों संग बदलावों की सौगात तराना सुनाती है आवाजों की मुस्कान इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की अंदाज एहसास सुनाती है सपनों संग अंदाजों की आस अल्फाज सुनाती है खयालों की सुबह इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सोच कोशिश सुनाती है अरमानों संग लम्हों की परख अहमियत सुनाती है बदलावों की पुकार इशारा सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की लहर अफसाना सुनाती है तरानों संग खयालों की मुस्कान नजारा सुनाती है अल्फाजों की उम्मीद इशारा सुनाती है।

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कविता. ५२७१. किनारों की आहट अक्सर।

                              किनारों की आहट अक्सर। किनारों की आहट अक्सर अरमानों संग पुकार दिलाती है लहरों को इशारों से आवाजों की धून एहसास ...