Saturday 31 August 2024

कविता. ५२५१. आस को एहसासों की।

                             आस को एहसासों की।

आस को एहसासों की कोशिश कहानी देती है तरानों को अरमानों की सुबह इशारा देती है किनारों को अल्फाजों की उमंग पहचान देती है।

आस को एहसासों की उम्मीद मुस्कान देती है खयालों को अंदाजों की परख आवाज देती है इशारों को लम्हों की पुकार पहचान देती है।

आस को एहसासों की रोशनी तलाश देती है उजालों को आशाओं की सोच सरगम देती है लहरों को अफसानों की समझ पहचान देती है।

आस को एहसासों की आहट बदलाव देती है कदमों को अदाओं की रोशनी खयाल देती है दास्तानों को आवाजों की धून पहचान देती है।

आस को एहसासों की परख समझ देती है जज्बातों को लहरों की मुस्कान कोशिश देती है अरमानों को नजारों की उम्मीद पहचान देती है।

आस को एहसासों की सोच सुबह देती है इशारों को तरानों की सौगात अफसाना देती है खयालों को तरानों की अहमियत पहचान देती है।

आस को एहसासों की उमंग सरगम देती है किनारों को उम्मीदों की कहानी दास्तान देती है बदलावों को इरादों की समझ पहचान देती है।

आस को एहसासों की समझ तराना देती है दिशाओं को अंदाजों की परख सहारा देती है नजारों को आशाओं की सुबह पहचान देती है।

आस को एहसासों की आहट उजाला देती है बदलावों को लहरों की कोशिश तलाश देती है आवाजों को लहरों की सौगात पहचान देती है।

आस को एहसासों की सौगात पुकार देती है दास्तानों को राहों की सरगम अहमियत देती है लम्हों को कदमों की पुकार पहचान देती है।

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