Sunday 1 September 2024

कविता. ५२५२. अफसानों को दिशाओं की।

                           अफसानों को दिशाओं की।

अफसानों को दिशाओं की पहचान इशारा देती है कदमों को अदाओं की रोशनी अहमियत देती है उजालों को सपनों की कहानी लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की उमंग इरादा देती है नजारों को राहों की मुस्कान कोशिश देती है जज्बातों को अंदाजों की परख लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की आस सरगम देती है आशाओं को इशारों की समझ सौगात देती है नजारों को लम्हों की पहचान लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की सुबह एहसास देती है तरानों को उम्मीदों की तलाश बदलाव देती है अल्फाजों को खयालों की मुस्कान लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की राह कोशिश देती है लम्हों को खयालों की समझ सरगम देती है किनारों को अदाओं की पुकार लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की सोच उजाला देती है इरादों को नजारों की परख सहारा देती है आवाजों को बदलावों की समझ लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की रोशनी सौगात देती है किनारों को अल्फाजों की उम्मीद सुबह देती है अरमानों को दास्तानों की कोशिश लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की अदा बदलाव देती है अंदाजों को कदमों की आहट अहमियत देती है खयालों को राहों की सोच लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की सोच तराना देती है एहसासों को राहों की सौगात अल्फाज देती है लम्हों को इशारों की समझ लहर देकर जाती है।

अफसानों को दिशाओं की कोशिश उमंग देती है अरमानों को सपनों की सुबह तलाश देती है कदमों को अदाओं की कोशिश लहर देकर जाती है।

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