Friday 13 September 2024

कविता. ५२६४. अरमानों से कदमों की।

                             अरमानों से कदमों की।

अरमानों से कदमों की आहट एहसास दिलाती है लहरों को उजालों की समझ सरगम सुनाती है जज्बातों को मुस्कान संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को किनारों की सोच तलाश सुनाती है दास्तानों को अफसानों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की कोशिश खयाल दिलाती है दिशाओं को बदलावों की रोशनी उमंग सुनाती है नजारों को आशाओं संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की आस अहमियत दिलाती है अदाओं को तरानों की सौगात उम्मीद सुनाती है लम्हों को अल्फाजों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की सुबह तलाश दिलाती है किनारों को सपनों की आस अल्फाज सुनाती है खयालों को इशारों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की राह लहर दिलाती है जज्बातों को एहसासों की कहानी सोच सुनाती है अंदाजों को बदलावों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की रोशनी समझ दिलाती है एहसासों को लहरों की कोशिश खयाल सुनाती है दिशाओं को तरानों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की उम्मीद सपना दिलाती है आशाओं को नजारों की सरगम पुकार सुनाती है लहरों को अंदाजों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की परख किनारा दिलाती है अफसानों को लम्हों की पहचान सहारा सुनाती है जज्बातों को इशारों संग आवाज दिलाती है।

अरमानों से कदमों की सोच उमंग दिलाती है अल्फाजों को इरादों की कहानी सौगात सुनाती है उजालों को बदलावों संग आवाज दिलाती है।

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