Tuesday, 3 September 2024

कविता. ५२५४. किनारों को अल्फाजों की।

                              किनारों को अल्फाजों की।

किनारों को अल्फाजों की मुस्कान सरगम सुनाती है उजालों को सपनों की आस पहचान दिलाती है उम्मीदों को कदमों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की रोशनी उमंग सुनाती है अरमानों को दिशाओं की कहानी सौगात दिलाती है तरानों को जज्बातों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की आस सौगात सुनाती है अंदाजों को दास्तानों की परख पुकार दिलाती है खयालों को बदलावों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की एहसास तलाश सुनाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम दिलाती है लम्हों को नजारों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की राह अफसाना सुनाती है तरानों को कदमों की सोच सपना दिलाती है आवाजों को सपनों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की समझ अंदाज सुनाती है उम्मीदों को एहसासों की कोशिश सुबह दिलाती है आशाओं को दास्तानों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की सुबह कोशिश सुनाती है राहों को अरमानों की सौगात तलाश दिलाती है उजालों को दिशाओं की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की उम्मीद सहारा सुनाती है आवाजों को अदाओं की पुकार मुस्कान दिलाती है लहरों को इशारों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की सरगम तलाश सुनाती है आशाओं को राहों की कहानी बदलाव दिलाती है दास्तानों को लम्हों की अहमियत दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की कहानी सहारा सुनाती है नजारों को खयालों की सुबह तराना दिलाती है उम्मीदों को अरमानों की अहमियत दिलाती है।


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