Saturday 14 September 2024

कविता. ५२६५. आवाज को आशाओं संग।

                           आवाज को आशाओं संग।

आवाज को आशाओं संग कदमों की मुस्कान अरमान जगाती है जज्बातों को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग किनारों की धून अल्फाज जगाती है कदमों को उजालों की सुबह एहसास दिलाती है अदाओं को नजारों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग अंदाजों की उम्मीद मुस्कान जगाती है राहों को अरमानों की कोशिश पुकार दिलाती है दास्तानों को एहसासों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग अदाओं की रोशनी कोशिश जगाती है अल्फाजों को खयालों की सोच सरगम दिलाती है लम्हों को जज्बातों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग राहों की अहमियत सौगात जगाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी अफसाना दिलाती है नजारों को खयालों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग लहरों की उमंग पुकार जगाती है दास्तानों को आवाजों की धून अरमान दिलाती है कदमों को अंदाजों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग नजारों की आस पहचान जगाती है इरादों को एहसासों की सौगात बदलाव दिलाती है लम्हों को अफसानों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग इरादों की लहर सहारा जगाती है किनारों को नजारों की आस अल्फाज दिलाती है सपनों को दास्तानों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग खयालों की सोच सरगम जगाती है बदलावों को लम्हों की अहमियत सुबह दिलाती है जज्बातों को तरानों की समझ सुनाती है।

आवाज को आशाओं संग लहरों की कहानी सौगात जगाती है उजालों को सपनों की सोच अरमान दिलाती है राहों को एहसासों की समझ सुनाती है।


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