Tuesday 17 September 2024

कविता. ५२६८. रोशनी संग सपनों की।

                                रोशनी संग सपनों की।

रोशनी संग सपनों की कोशिश कहानी देती है दास्तानों को एहसासों की सुबह सरगम सुनाती है नजारों को दिशाओं की समझ अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की सोच तलाश देती है तरानों को उम्मीदों की पहचान आवाज सुनाती है अरमानों को किनारों की आस अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की अदा सहारा देती है उजालों को बदलावों की मुस्कान कोशिश सुनाती है अंदाजों को जज्बातों की कहानी अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की सौगात उमंग देती है कदमों को राहों की अहमियत अरमान सुनाती है आशाओं को अल्फाजों की परख अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की आहट तलाश देती है खयालों को इशारों की समझ आस सुनाती है आवाजों को बदलावों की सोच अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की पुकार इरादा देती है नजारों को दिशाओं की कहानी उमंग सुनाती है लम्हों को लहरों की सौगात अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की आस अल्फाज देती है कदमों को उजालों की पुकार तराना सुनाती है दास्तानों को उम्मीदों की आस अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की लहर आवाज देती है लम्हों को खयालों की आहट इशारा सुनाती है जज्बातों को राहों की सौगात अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की उम्मीद मुस्कान देती है अरमानों को दिशाओं की कहानी कोशिश सुनाती है नजारों को खयालों की समझ अफसाना देती है।

रोशनी संग सपनों की पहचान जज्बात देती है अदाओं को इशारों की लहर अल्फाज सुनाती है आशाओं को इरादों की सुबह अफसाना देती है।

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