Friday 6 September 2024

कविता. ५२५७. उम्मीदों को सपनों की।

                                उम्मीदों को सपनों की।

उम्मीदों को सपनों की आस एहसास सुनाती है तरानों को अरमानों की पुकार पहचान दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की समझ बदलाव सुनाती है नजारों को राहों की मुस्कान अहमियत दिलाती है किनारों को अल्फाजों की सुबह सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की सौगात दास्तान सुनाती है कदमों को अदाओं की परख एहसास दिलाती है लम्हों को खयालों की आस सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की रोशनी अरमान सुनाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान कोशिश दिलाती है बदलावों को दिशाओं की परख सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की सुबह अफसाना सुनाती है किनारों को जज्बातों की कहानी परख दिलाती है अदाओं को तरानों की उमंग सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की सरगम कोशिश सुनाती है आशाओं को एहसासों की राह किनारा दिलाती है दिशाओं को अफसानों की पुकार सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की सोच पहचान सुनाती है इरादों को बदलावों की आहट दास्तान दिलाती है जज्बातों को दिशाओं की सोच सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की उमंग तलाश सुनाती है अल्फाजों को आशाओं की समझ सरगम दिलाती है आवाजों को उजालों की कोशिश सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की आवाज अंदाज सुनाती है जज्बातों को किनारों की सुबह पहचान दिलाती है लम्हों को दास्तानों की रोशनी सहारा दिलाती है।

उम्मीदों को सपनों की अदा कहानी सुनाती है अफसानों को लहरों की कहानी पुकार दिलाती है एहसासों को राहों की अहमियत सहारा दिलाती है।


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