Wednesday 4 September 2024

कविता. ५२५५. अदाओं को अरमानों की।

                            अदाओं को अरमानों की।

अदाओं को अरमानों की पुकार सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम दिलाती है लहरों को दास्तानों की परख सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की आवाज सुनाती है जज्बातों को राहों की सौगात एहसास दिलाती है दिशाओं को कदमों की सरगम सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की पहचान सुनाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश बदलाव दिलाती है लम्हों को किनारों की सोच सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की कोशिश सुनाती है दास्तानों को सपनों की रोशनी नजारा दिलाती है अंदाजों को उजालों की पुकार सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की सरगम सुनाती है लहरों को आशाओं की आस अफसाना दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की मुस्कान सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की सौगात सुनाती है अफसानों को राहों की आहट कहानी दिलाती है बदलावों को नजारों की पहचान सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की दास्तान सुनाती है आवाजों को इशारों की समझ सपना दिलाती है अफसानों को खयालों की आहट सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की उमंग सुनाती है अंदाजों को लहरों की परख उजाला दिलाती है बदलावों को किनारों की अहमियत सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की समझ सुनाती है आवाजों को नजारों की पुकार अल्फाज दिलाती है इरादों को उम्मीदों की कहानी सुनाती है।

अदाओं को अरमानों की आस सुनाती है आशाओं को एहसासों की रोशनी बदलाव दिलाती है एहसासों को सपनों की मुस्कान सुनाती है।

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