Saturday, 19 July 2025

कविता. ५५७३. कदमों संग एहसासों की।

                         कदमों संग एहसासों की।

कदमों संग एहसासों की समझ इशारा दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की सुबह तराना सुनाती है खयालों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की पुकार मुस्कान दिलाती है आशाओं को उजालों की कोशिश सपना सुनाती है राहों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की सौगात आस दिलाती है दिशाओं को किनारों की परख इशारा‌ सुनाती है बदलावों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की उमंग जज्बात दिलाती है सपनों को अंदाजों की आस अफसाना सुनाती है नजारों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की सोच अफसाना दिलाती है अरमानों को उम्मीदों की आहट दास्तान सुनाती है आशाओं की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की उम्मीद अहमियत दिलाती है लहरों को नजारों की कोशिश तलाश सुनाती है आवाजों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की आस इरादा दिलाती है किनारों को राहों की रोशनी सौगात सुनाती है धाराओं की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की लहर किनारा दिलाती है अंदाजों को इशारों की आहट कोशिश सुनाती है लहरों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की आवाज इशारा दिलाती है जज्बातों को बदलावों की आस मुस्कान सुनाती है दास्तानों की पहचान देकर जाती है।

कदमों संग एहसासों की उम्मीद सरगम दिलाती है खयालों को अफसानों की सोच लहर सुनाती है दिशाओं की पहचान देकर जाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...