Wednesday, 30 July 2025

कविता. ५५८४. लहरों से जुडने की।

                              लहरों से जुडने की।

लहरों से जुडने की आहट आशाओं संग किनारे देकर जाती है अरमानों से उम्मीदों की सौगात पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की सरगम आवाजों संग नजारे देकर जाती है अंदाजों से उजालों की सुबह पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की पुकार उम्मीदों संग तराने देकर जाती है अल्फाजों से जज्बातों की रोशनी पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की सोच बदलावों संग लम्हे देकर जाती है खयालों से इशारों की कोशिश पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की आस अल्फाजों संग इशारे देकर जाती है सपनों से अफसानों की सोच पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की कोशिश दिशाओं संग‌ अफसाने देकर जाती है दास्तानों से एहसासों की राह पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की उमंग लम्हों संग उजाले देकर जाती है बदलावों से कदमों की अहमियत पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की सुबह खयालों संग‌ दास्ताने देकर जाती है इरादों से तरानों की सरगम पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की परख जज्बातों संग उम्मीदे देकर जाती है आशाओं से राहों की आस पहचान देकर जाती है।

लहरों से जुडने की तलाश अंदाजों संग अफसाने देकर जाती है दिशाओं से नजारों की पुकार पहचान देकर जाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

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