Tuesday, 29 July 2025

कविता. ५५८३. लहरों संग आवाजों की।

                             लहरों संग आवाजों की।

लहरों संग आवाजों की धून कोशिश दिलाती है इरादों को एहसासों की सौगात तलाश दिलाती है उजालों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की राह अफसाना दिलाती है उम्मीदों को किनारों की अहमियत लम्हा दिलाती है कदमों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की समझ एहसास दिलाती है तरानों को इशारों की सोच पहचान दिलाती है किनारों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की परख अंदाज दिलाती है अदाओं को खयालों की सरगम मुस्कान दिलाती है नजारों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की उमंग पहचान दिलाती है दिशाओं को अंदाजों की आस जज्बात दिलाती है इशारों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की आस उम्मीद दिलाती है दास्तानों को अरमानों की रोशनी खयाल दिलाती है सपनों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की सोच अरमान दिलाती है आशाओं को तरानों की आहट कोशिश दिलाती है एहसासों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की राह अहमियत दिलाती है जज्बातों को उम्मीदों की धून बदलाव दिलाती है दास्तानों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की पुकार तराना दिलाती है उजालों को धाराओं की उमंग दास्तान दिलाती है किनारों की सुबह देकर जाती है।

लहरों संग आवाजों की तलाश इशारा दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया अंदाज दिलाती है अरमानों की सुबह देकर जाती है।


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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...