Tuesday, 22 July 2025

कविता. ५५७६. एहसासों को उजालों की।

                       एहसासों को उजालों की।

एहसासों को उजालों की सुबह पहचान दिलाती है कदमों की समझ अक्सर दास्तान सुनाती है तरानों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की उमंग सरगम दिलाती है बदलावों की धून अक्सर आवाज सुनाती है इरादों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की लहर खयाल दिलाती है अरमानों की कोशिश अक्सर अल्फाज सुनाती है नजारों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की तलाश सोच दिलाती है खयालों की उम्मीद अक्सर तराना सुनाती है सपनों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की दुनिया कोशिश दिलाती है अंदाजों की सोच अक्सर पहचान सुनाती है आशाओं की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की सरगम आस दिलाती है अल्फाजों की धून अक्सर अफसाना सुनाती है धाराओं की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की मुस्कान समझ दिलाती है कदमों की पहचान अक्सर आहट सुनाती है दिशाओं की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की रोशनी इशारा दिलाती है उम्मीदों की आवाज अक्सर सोच सुनाती है लम्हों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की कोशिश अंदाज दिलाती है दास्तानों की सरगम अक्सर जज्बात सुनाती है जज्बातों की परख दिलाती है।

एहसासों को उजालों की राह अफसाना दिलाती है आशाओं की सोच अक्सर अहमियत सुनाती है आवाजों की परख दिलाती है।


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