Saturday, 26 July 2025

कविता. ५५८०. आवाज की सरगम अक्सर।

                       आवाज की सरगम अक्सर।

आवाज की सरगम अक्सर आशाओं संग पहचान का अफसाना दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर उजालों संग आहट का इशारा दिलाती है खयालों को नजारों की पुकार मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर जज्बातों संग रोशनी का सपना दिलाती है तरानों को बदलावों की लहर मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अंदाजों संग कोशिश का‌ एहसास दिलाती है उजालों को अरमानों की सोच मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर इशारों संग परख‌ का नजारा दिलाती है धाराओं को अदाओं की आस मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर कदमों संग‌ समझ का इरादा दिलाती है किनारों को दिशाओं की सौगात मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर जज्बातों संग पुकार का इरादा दिलाती है आशाओं को दास्तानों की समझ मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर लहरों संग उमंग का खयाल दिलाती है उम्मीदों को लम्हों की आहट मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर दास्तानों संग रोशनी का तराना दिलाती है इरादों को अल्फाजों की दुनिया मुस्कान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर बदलावों संग लहर का इशारा दिलाती है कदमों को किनारों की परख मुस्कान दिलाती है।

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