Wednesday, 23 July 2025

कविता. ५५७७. आशाओं की लहर संग।

                             आशाओं की लहर संग।

आशाओं की लहर संग उजालों की सुबह पहचान दिलाती है कदमों की आहट अक्सर अरमानों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग जज्बातों की पुकार अफसाना दिलाती है किनारों की मुस्कान अक्सर अंदाजों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग इशारों की आहट बदलाव दिलाती है एहसासों की महफिल अक्सर खयालों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग खयालों की सोच एहसास दिलाती है लम्हों की अहमियत अक्सर सपनों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग आवाजों की धून तलाश दिलाती है जज्बातों की रोशनी अक्सर लम्हों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर‌ संग नजारों की सौगात इशारा दिलाती है बदलावों की सरगम अक्सर दिशाओं की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग तरानों की आस मुस्कान दिलाती है धाराओं की समझ अक्सर दास्तानों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग अरमानों की कोशिश अरमान दिलाती है उम्मीदों की आस अक्सर कदमों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग अंदाजों की रोशनी परख दिलाती है इशारों की तलाश अक्सर अफसानों की उमंग देकर जाती है।

आशाओं की लहर संग दास्तानों की राह दास्तान दिलाती है खयालों की सरगम अक्सर किनारों की उमंग देकर जाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...