दास्तान से जुडकर।
दास्तान से जुडकर अल्फाज एहसास सुनाती है सपनों को अंदाजों की पुकार बदलाव देकर जाती है किनारों से खयालों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर दिशा सोच सुनाती है तरानों को इशारों की तलाश पहचान देकर जाती है अफसानों से लम्हों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर कोशिश सपना सुनाती है अदाओं को किनारों की सुबह इशारा देकर जाती है नजारों से तरानों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर आहट जज्बात सुनाती है दिशाओं को अफसानों की सोच अरमान देकर जाती है लहरों से इरादों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर राह पुकार सुनाती है इरादों को बदलावों की उम्मीद जज्बात देकर जाती है आशाओं से अल्फाजों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर समझ उम्मीद सुनाती है उजालों को आशाओं की महफिल पहचान देकर जाती है कदमों से उम्मीदों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर आवाज उमंग सुनाती है खयालों को राहों की अहमियत परख देकर जाती है जज्बातों से अंदाजों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर मुस्कान सौगात सुनाती है लहरों को उजालों की अल्फाज तलाश देकर जाती है बदलावों से सपनों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर सुबह आस सुनाती है अफसानों को उम्मीदों की रोशनी आहट देकर जाती है अल्फाजों को राहों की सरगम सुनाती है।
दास्तान से जुडकर आहट अरमान सुनाती है एहसासों को अफसानों की सोच कोशिश देकर जाती है अदाओं को आशाओं की सरगम सुनाती है।
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