Monday, 28 July 2025

कविता. ५५८२. जज्बात की कहानी अक्सर।

                           जज्बात की कहानी अक्सर।

जज्बात की कहानी अक्सर अरमानों को सरगम संग तलाश दिलाती है दास्तानों से जुडकर बदलावों की उम्मीद आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अंदाजों को एहसास संग रोशनी दिलाती है कदमों से जुडकर आवाजों की धून आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर आशाओं को अल्फाज संग कोशिश दिलाती है लम्हों से जुडकर उम्मीदों की राह आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर दास्तानों को उमंग संग सौगात दिलाती है उजालों से जुडकर खयालों की सोच आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अफसानों को पुकार संग आवाज दिलाती है तरानों से जुडकर इशारों की आहट आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर किनारों को सुबह संग पहचान दिलाती है अदाओं से जुडकर सपनों की लहर आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर उम्मीदों को कोशिश संग अफसाना दिलाती है इरादों से जुडकर एहसासों की पुकार आस सुनाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अल्फाजों को सोच संग अरमान दिलाती है किनारों से जुडकर अंदाजों की पहचान आस दिलाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर उजालों को समझ संग दास्तान दिलाती है आशाओं से जुडकर तरानों की आहट आस दिलाती है।

जज्बात की कहानी अक्सर खयालों को पहचान संग उमंग दिलाती है कदमों से जुडकर अफसानों की रोशनी आस दिलाती है।

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