Sunday, 6 July 2025

कविता. ५५६०. अरमानों की सोच संग।

                               अरमानों की सोच संग।

अरमानों की सोच संग इशारों की सुबह तलाश दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की समझ आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग अफसानों की सोच किनारा दिलाती है बदलावों को धाराओं की आस आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग लहरों की कहानी मुस्कान दिलाती है राहों को दास्तानों की कोशिश आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग आशाओं की महफिल पहचान दिलाती है किनारों को कदमों की लहर‌ आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग अंदाजों की रोशनी तराना‌ दिलाती है इशारों को अदाओं की सरगम आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग नजारों की धून अफसाना दिलाती है सपनों को एहसासों की उमंग आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग जज्बातों की सौगात नजारा दिलाती है आशाओं को दिशाओं की दुनिया आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग खयालों की पुकार इरादा दिलाती है नजारों को उजालों की उम्मीद आवाज दिलाती है।

अरमानों की सोच संग बदलावों की अहमियत कोशिश दिलाती है इरादों को कदमों की लहर‌ आवाज दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...