Thursday 10 October 2024

कविता. ५२९१. तलाश को एहसासों की।

                             तलाश को एहसासों की।

तलाश को एहसासों की परख इशारा सुनाकर जाती है कदमों को उजालों की सुबह पहचान देकर जाती है अरमानों को सपनों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की आवाज सरगम सुनाकर जाती है राहों को अंदाजों की कहानी उमंग देकर जाती है खयालों को इरादों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की आस अफसाना सुनाकर जाती है जज्बातों को किनारों की पुकार सहारा देकर जाती है आशाओं को बदलावों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की उम्मीद नजारा सुनाकर जाती है दिशाओं को सपनों की आहट सोच देकर जाती है नजारों को लहरों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की समझ अल्फाज सुनाकर जाती है लम्हों को खयालों की अहमियत उजाला देकर जाती है आवाजों को अरमानों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की सुबह तलाश सुनाकर जाती है दास्तानों को आशाओं की पुकार सौगात देकर जाती है जज्बातों को अदाओं की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की कोशिश सरगम सुनाकर जाती है दिशाओं को आवाजों की धून परख देकर जाती है अफसानों को लम्हों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की रोशनी दास्तान सुनाकर जाती है नजारों को खयालों की मुस्कान अरमान देकर जाती है किनारों को अल्फाजों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की उमंग पहचान सुनाकर जाती है उम्मीदों को अफसानों की समझ तराना देकर जाती है आशाओं को राहों की कोशिश दिलाती है।

तलाश को एहसासों की सोच इशारा सुनाकर जाती है लहरों को आवाजों की धून खयाल देकर जाती है अल्फाजों को नजारों की कोशिश दिलाती है।


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