Friday, 11 October 2024

कविता. ५२९२. राहों को अंदाजों की।

                             राहों को अंदाजों की।

राहों को अंदाजों की परख सहारा दिलाती है आवाजों को अदाओं की कोशिश अफसाना दिलाती है तरानों को अरमानों की पुकार एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की कहानी सरगम दिलाती है लम्हों को कदमों की आहट बदलाव दिलाती है जज्बातों को आशाओं की मुस्कान एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की सौगात तलाश दिलाती है उजालों को सपनों की समझ लहर दिलाती है नजारों को इशारों की परख एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की पहचान दास्तान दिलाती है उम्मीदों को कदमों की सोच अल्फाज दिलाती है अफसानों को खयालों की आस एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की आवाज सपना दिलाती है लहरों को इरादों की मुस्कान उमंग दिलाती है किनारों को अल्फाजों की कोशिश एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की पुकार नजारा दिलाती है अफसानों को उजालों की सुबह रोशनी दिलाती है बदलावों को नजारों की कहानी एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की आस अल्फाज दिलाती है इशारों को आशाओं की परख अहमियत दिलाती है सपनों को जज्बातों की रोशनी एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की सुबह सोच दिलाती है दिशाओं को आवाजों की धून सरगम दिलाती है किनारों को अफसानों की सौगात एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की कोशिश उमंग दिलाती है अल्फाजों को किनारों की आस अफसाना दिलाती है उम्मीदों को कदमों की पुकार एहसास दिलाती है।

राहों को अंदाजों की तलाश खयाल दिलाती है लहरों को दिशाओं की कहानी पुकार दिलाती है लम्हों को दास्तानों की आस एहसास दिलाती है।


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