Saturday 12 October 2024

कविता. ५२९३. अरमानों को अदाओं की।

                           अरमानों को अदाओं की।

अरमानों को अदाओं की पहचान दास्तान दिलाती है लहरों की सुबह अक्सर अफसाना दिलाती है बदलावों की मुस्कान अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की कोशिश पुकार दिलाती है दिशाओं की कहानी अक्सर जज्बात दिलाती है कदमों की सरगम अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की उमंग बदलाव दिलाती है नजारों की सोच अक्सर उम्मीद दिलाती है जज्बातों की अहमियत अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की समझ सरगम दिलाती है लम्हों की पुकार अक्सर खयाल दिलाती है किनारों की पहचान अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की परख एहसास दिलाती है सपनों की रोशनी अक्सर आवाज दिलाती है उजालों की कहानी अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की उम्मीद मुस्कान दिलाती है तरानों की पुकार अक्सर बदलाव दिलाती है लहरों की तलाश अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की समझ सौगात दिलाती है इशारों की आस अक्सर कोशिश दिलाती है नजारों की अहमियत अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की पुकार सहारा दिलाती है बदलावों की सोच अक्सर लहर दिलाती है आशाओं की दास्तान अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की तलाश तराना दिलाती है उम्मीदों की कोशिश अक्सर उमंग दिलाती है एहसासों की राह अल्फाज दिलाती है।

अरमानों को अदाओं की सुबह सपना दिलाती है खयालों की समझ अक्सर सरगम दिलाती है तरानों की पुकार अल्फाज दिलाती है।


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