Sunday 20 October 2024

कविता. ५३०१. अल्फाज कोई एहसासों संग।

                          अल्फाज कोई एहसासों संग।

अल्फाज कोई एहसासों संग तलाश सुहानी देता है लम्हों को कदमों की सोच संग आवाज देकर जाता है जज्बातों को अंदाजों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग उमंग सुहानी देता है नजारों को दिशाओं की कहानी संग तराना देकर जाता है खयालों को इरादों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग आवाज सुहानी देता है सपनों को अरमानों की कोशिश संग बदलाव देकर जाता है अदाओं को जज्बातों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग पुकार सुहानी देता है लहरों को खयालों की मुस्कान संग किनारा देकर जाता है बदलावों को राहों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग समझ सुहानी देता है किनारों को उजालों की सुबह संग पहचान देकर जाता है सपनों को दिशाओं की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग सरगम सुहानी देता है तरानों को खयालों की समझ संग अंदाज देकर जाता है अंदाजों को आशाओं की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग उम्मीद सुहानी देता है दास्तानों को आशाओं की उमंग संग जज्बात देकर जाता है अफसानों को तरानों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग कोशिश सुहानी देता है बदलावों को लम्हों की आहट संग रोशनी देकर जाता है नजारों को सपनों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग आस सुहानी देता है उम्मीदों को किनारों की सरगम संग सौगात देकर जाता है इशारों को अफसानों की परख दिलाता है।

अल्फाज कोई एहसासों संग पहचान सुहानी देता है जज्बातों को खयालों की निशानी संग आस देकर जाता है सपनों को दास्तानों की परख दिलाता है।


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                          हर दास्तान संग सपनों की। हर दास्तान संग सपनों की आहट तलाश दिलाती है तरानों को अरमानों की समझ एहसास सुनाती है जज्बा...