Monday 14 October 2024

कविता. ५२९५. आवाज किसी।

                                  आवाज किसी।

आवाज किसी उम्मीद संग आशाओं की तलाश सुनाती है तरानों को कदमों की आहट सपना दिलाती है उजियारे को राहों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी समझ संग दास्तानों की कोशिश सुनाती है अफसानों को आशाओं की कहानी एहसास दिलाती है खयालों को अंदाजों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी तलाश संग लहरों की पुकार सुनाती है बदलावों को एहसासों की आस अफसाना दिलाती है नजारों को किनारों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी परख संग जज्बातों की मुस्कान सुनाती है लम्हों को उम्मीदों की कोशिश इरादा दिलाती है जज्बातों को उजालों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी सरगम संग तरानों की सोच सुनाती है अरमानों को दिशाओं की अहमियत अंदाज दिलाती है आशाओं को अदाओं की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी सोच संग नजारों की सुबह सुनाती है दास्तानों को अल्फाजों की मुस्कान अरमान दिलाती है तरानों को कदमों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी सुबह संग बदलावों की अदा सुनाती है अंदाजों को जज्बातों की सौगात तलाश दिलाती है दिशाओं को सपनों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी अल्फाज संग किनारों की सौगात सुनाती है दिशाओं को नजारों की कहानी पहचान दिलाती है लहरों को अफसानों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी आस संग एहसासों की सरगम सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की परख सहारा दिलाती है इरादों को सपनों की रोशनी देकर जाती है।

आवाज किसी सौगात संग दिशाओं की उमंग सुनाती है आशाओं को उजालों की समझ सरगम दिलाती है अदाओं को अफसानों की रोशनी देकर जाती है।

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कविता. ५३१२. हर दास्तान संग सपनों की।

                          हर दास्तान संग सपनों की। हर दास्तान संग सपनों की आहट तलाश दिलाती है तरानों को अरमानों की समझ एहसास सुनाती है जज्बा...