Friday 25 October 2024

कविता. ५३०६. उजियारे को आशाओं की।

                             उजियारे को आशाओं की।

उजियारे को आशाओं की उम्मीद तराना देती है कदमों को एहसासों की रोशनी इशारा देती है किनारों को अल्फाजों की सोच अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की मुस्कान अरमान देती है किनारों को सपनों की आहट नजारा देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की रोशनी सहारा देती है जज्बातों को अंदाजों की परख इशारा देती है बदलावों को लम्हों की आहट अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की उमंग खयाल देती है नजारों को राहों की सौगात तलाश देती है अरमानों को सपनों की मुस्कान अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की कोशिश इरादा देती है अंदाजों को अरमानों की पुकार दास्तान देती है उजालों को लहरों की सुबह अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की तलाश दास्तान देती है आवाजों को बदलावों की आस लहर देती है नजारों को इशारों की सरगम अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की आस जज्बात देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी आवाज देती है खयालों को अंदाजों की सोच अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की राह अंदाज देती है दिशाओं को तरानों की रोशनी पहचान देती है कदमों को अदाओं की सुबह अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की आहट धून देती है बदलावों को लम्हों की कोशिश एहसास देती है दास्तानों को अरमानों की परख अफसाना देती है।

उजियारे को आशाओं की पुकार सुबह देती है तरानों को अदाओं की आहट लहर देती है दिशाओं को कदमों की आस अफसाना देती है।


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