Saturday 26 October 2024

कविता. ५३०७. दास्तान की पहचान अक्सर।

                        दास्तान की पहचान अक्सर। 

दास्तान की पहचान अक्सर आवाजों की धून से कहानी दिलाती है लहरों को नजारों संग खयालों की सरगम एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर सपनों की सुबह से बदलाव दिलाती है कदमों को उजालों संग अरमानों की कोशिश एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर जज्बातों की रोशनी से पुकार दिलाती है इशारों को अंदाजों संग अल्फाजों की मुस्कान एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर दिशाओं की कोशिश से आहट दिलाती है उम्मीदों को किनारों संग तरानों की उमंग एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर लहरों की सौगात से आवाज दिलाती है सपनों को कदमों संग किनारों की समझ एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर तरानों की समझ से आस दिलाती है किनारों को बदलावों संग जज्बातों की पुकार एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर उजालों की कोशिश से आहट दिलाती है लम्हों को दास्तानों संग अदाओं की परख एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर अंदाजों की राह से मुस्कान दिलाती है इशारों को आशाओं संग अफसानों की कहानी एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर आशाओं की सोच से सरगम दिलाती है बदलावों को इरादों संग खयालों की सौगात एहसास दिलाती है।

दास्तान की पहचान अक्सर इरादों की पुकार से आहट दिलाती है नजारों को दिशाओं संग उजालों की पहचान एहसास दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५३१२. हर दास्तान संग सपनों की।

                          हर दास्तान संग सपनों की। हर दास्तान संग सपनों की आहट तलाश दिलाती है तरानों को अरमानों की समझ एहसास सुनाती है जज्बा...