Sunday 6 October 2024

कविता. ५२८७. बदलाव को अरमानों की।

                          बदलाव को अरमानों की।

बदलाव को अरमानों की सुबह पहचान दिलाती है लहरों को इशारों की कोशिश एहसास दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की आस अल्फाज दिलाती है कदमों को अदाओं की पुकार सरगम दिलाती है किनारों को अंदाजों की परख अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की कोशिश आवाज दिलाती है दास्तानों को एहसासों की सुबह सहारा दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की लहर खयाल दिलाती है तरानों को सपनों की आस पहचान दिलाती है दास्तानों को अदाओं की उमंग अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की सरगम सोच दिलाती है लम्हों को एहसासों की आहट कोशिश दिलाती है आवाजों को राहों की उम्मीद अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की परख तलाश दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी सौगात दिलाती है उजालों को जज्बातों की सोच अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है खयालों को लहरों की सुबह पहचान दिलाती है तरानों को दास्तानों की कोशिश अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की तलाश इशारा दिलाती है अल्फाजों को आशाओं की पुकार किनारा दिलाती है एहसासों को राहों की सौगात अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की आवाज सपना दिलाती है दिशाओं को कदमों की आस अहमियत दिलाती है जज्बातों को इरादों की कोशिश अफसाना देकर जाती है।

बदलाव को अरमानों की उमंग नजारा दिलाती है उजालों को खयालों की पुकार सरगम दिलाती है अंदाजों को उम्मीदों की तलाश अफसाना देकर जाती है।

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