Friday 4 October 2024

कविता. ५२८५. सपनों संग आवाज।

                                 सपनों संग आवाज।

सपनों संग आवाज एहसास सुहाना देती है जज्बातों को कदमों की राह तलाश देती है किनारों को अल्फाजों की सरगम अक्सर पुकार देती है।

सपनों संग आवाज रोशनी सुहानी देती है नजारों को खयालों की कोशिश कहानी देती है उजालों को बदलावों की आस अक्सर पुकार देती है।

सपनों संग आवाज पहचान सुहानी देती है किनारों को उम्मीदों की आहट जज्बात देती है अफसानों को लहरों की मुस्कान अक्सर पुकार देती है।

सपनों संग आवाज दास्तान सुहानी देती है लम्हों को अरमानों की परख खयाल देती है लम्हों को दास्तानों की सौगात अक्सर पुकार देती है।

सपनों संग आवाज उमंग सुहानी देती है दिशाओं को लहरों की सुबह अफसाना देती है अंदाजों को अदाओं की पहचान अक्सर पुकार देती है।

सपनों संग आवाज खयाल सुहाना देती है अंदाजों को इरादों की सोच लहर देती है इशारों को दिशाओं की कहानी अक्सर पुकार दिलाती है।

सपनों संग आवाज आस सुहानी देती है नजारों को अदाओं की आहट कोशिश देती है तरानों को जज्बातों की सोच अक्सर पुकार दिलाती है।

सपनों संग आवाज कोशिश सुहानी देती है दास्तानों को तरानों की सौगात उमंग देती है अरमानों को कदमों की आहट अक्सर पुकार दिलाती है।

सपनों संग आवाज इरादा सुहाना देती है उजालों को बदलावों की मुस्कान अरमान देती है लहरों को आशाओं की रोशनी अक्सर पुकार दिलाती है।

सपनों संग आवाज सुबह सुहानी देती है इशारों को लम्हों की अहमियत लहर देती है किनारों को तरानों की उमंग अक्सर पुकार दिलाती है।

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