Sunday, 10 August 2025

कविता. ५५९५ सपनों की लहर संग।

                             सपनों की लहर संग।

सपनों की लहर संग दास्तानों से पुकार इशारा दिलाती है अरमानों को लम्हों की अहमियत कोशिश दिलाती है अदाओं की धून सुनाती है।

सपनों की लहर‌ संग अफसानों से सुबह सौगात दिलाती है इरादों को एहसासों की आस खयाल‌ सुनाती है धाराओं की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग कदमों से राह बदलाव दिलाती है अल्फाजों को राहों की रोशनी मुस्कान सुनाती है दास्तानों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग उजालों से समझ रोशनी दिलाती है आवाजों को धाराओं की सोच आहट सुनाती है आशाओं की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग नजारों से सरगम अंदाज दिलाती है किनारों को उम्मीदों की कहानी बदलाव सुनाती है तरानों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग अंदाजों से कोशिश पहचान दिलाती है जज्बातों को इशारों की परख उमंग सुनाती है एहसासों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग आशाओं से उम्मीद समझ दिलाती है दिशाओं को कदमों की आस तराना सुनाती है नजारों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग दिशाओं से सोच उमंग दिलाती है बदलावों को अंदाजों की आहट अरमान सुनाती है दास्तानों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग आवाजों से धून आस दिलाती है उम्मीदों को किनारों की मुस्कान पहचान सुनाती है राहों की धून सुनाती है।

सपनों की लहर संग धाराओं से पुकार कोशिश दिलाती है तरानों को बदलावों की कहानी परख सुनाती है खयालों की धून सुनाती है।

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