Thursday, 7 August 2025

कविता. ५५९२. कदमों को इशारों की।

                             कदमों को इशारों की।

कदमों को इशारों की सरगम एहसास‌ दिलाती है आशाओं की दुनिया अक्सर अरमानों की उमंग बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की पहचान उजाला दिलाती है दास्तानों की समझ अक्सर अफसानों की आवाज बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की आस कोशिश दिलाती है खयालों की पुकार अक्सर अंदाजों की कहानी बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की परख तराना दिलाती है किनारों की धारा अक्सर जज्बातों की अहमियत बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की सौगात उम्मीद दिलाती है लहरों की पहचान अक्सर खयालों की रोशनी बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की समझ किनारा दिलाती है दिशाओं की आस अक्सर लहरों की सोच बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की सुबह इरादा दिलाती है आवाजों की धून अक्सर दास्तानों की तलाश बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की उम्मीद खयाल‌ दिलाती है अरमानों की आहट अक्सर नजारों की समझ बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की सोच किनारा दिलाती है सपनों की सौगात अक्सर उजालों की पहचान बनकर अल्फाज सुनाती है।

कदमों को इशारों की पुकार लहर दिलाती है किनारों की मुस्कान अक्सर लम्हों की आहट बनकर अल्फाज सुनाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...