Tuesday, 5 August 2025

कविता. ५५९०. दिशाओं की महफिल अक्सर।

                         दिशाओं की महफिल अक्सर।

दिशाओं की महफिल अक्सर आशाओं संग जज्बातों की पहचान देकर जाती है अरमानों को इशारों की तलाश अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर लम्हों संग दास्तानों की सरगम देकर जाती है अंदाजों को सपनों की पुकार अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर नजारों संग धाराओं की समझ देकर जाती है खयालों को राहों की अहमियत अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर अदाओं संग इशारों की सोच देकर जाती है उजालों को एहसासों की पहचान अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर जज्बातों संग कदमों की आस देकर जाती है उम्मीदों को बदलावों की सुबह अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर तरानों संग किनारों की सुबह देकर जाती है लम्हों को आवाजों की धून अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर अंदाजों संग एहसासों की उमंग देकर जाती है इरादों को उजालों की रोशनी अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर लहरों संग खयालों की कोशिश देकर जाती है अदाओं को अल्फाजों की दुनिया अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर अरमानों संग तरानों की पहचान देकर जाती है उम्मीदों को नजारों की समझ अफसाना सुनाती है।

दिशाओं की महफिल अक्सर सपनों संग इरादों की तलाश देकर जाती है कदमों को अंदाजों की आहट अफसाना सुनाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...