Sunday, 3 August 2025

कविता. ५५८८. अल्फाजों की दुनिया संग।

                         अल्फाजों की दुनिया संग।

अल्फाजों की दुनिया संग आशाओं की महफिल एहसास दिलाती है किनारों को कदमों की पुकार तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग अरमानों की सोच बदलाव दिलाती है नजारों को लम्हों की अहमियत तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग तरानों की कोशिश सुबह दिलाती है दिशाओं को जज्बातों की रोशनी तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग दिशाओं की उमंग खयाल दिलाती है इशारों को अरमानों की सौगात तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग लहरों की आस पहचान दिलाती है दास्तानों को कदमों की आवाज तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग उजालों की लहर आहट दिलाती है खयालों को सपनों की परख तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग इशारों की समझ उम्मीद दिलाती है तरानों को बदलावों की सरगम तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग लम्हों की कहानी परख दिलाती है आशाओं को अरमानों की राह तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग किनारों की पुकार तराना दिलाती है आवाजों को उम्मीदों की आहट तलाश दिलाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग अदाओं की धून पहचान दिलाती है अदाओं को दिशाओं की महफिल तलाश दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...