Monday, 18 August 2025

कविता. ५६०३. सपनों की तलाश संग।

                          सपनों की तलाश संग।

सपनों की तलाश संग आशाओं से एहसासों की कोशिश दिलाती है आवाजों को धाराओं की समझ अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग अंदाजों से बदलावों की आहट दिलाती है अफसानों को कदमों की अहमियत अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग धाराओं से आवाजों की दास्तान दिलाती है लहरों को किनारों की सौगात अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग जज्बातों से नजारों की पुकार दिलाती है अल्फाजों को राहों की सुबह अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग लम्हों से दिशाओं की मुस्कान दिलाती है खयालों को नजारों की आस अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग लहरों से अल्फाजों की सोच दिलाती है इशारों को जज्बातों की परख अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग तरानों से उम्मीदों की अंदाज दिलाती है आशाओं को दास्तानों की पुकार अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग उजालों से कदमों की आस दिलाती है तरानों को उम्मीदों की मुस्कान अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग नजारों से बदलावों की रोशनी दिलाती है उम्मीदों को एहसासों की सोच अरमान सुनाती है।

सपनों की तलाश संग अल्फाजों से लम्हों की अदा दिलाती है इरादों को दिशाओं की महफिल अरमान सुनाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...