Saturday, 9 August 2025

कविता. ५५९४. लम्हों की कहानी।

                              लम्हों की कहानी।

लम्हों की कहानी उजालों से जुडकर कुछ कहती है खयालों की सरगम संग एहसासों की कोशिश दिशाओं की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी उम्मीदों से जुडकर कुछ कहती है जज्बातों की रोशनी संग अरमानों की आहट दास्तानों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी अदाओं से जुडकर कुछ कहती है धाराओं की पुकार संग तरानों की मुस्कान आवाजों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी लहरों से जुडकर कुछ कहती है खयालों की सोच संग अल्फाजों की समझ इशारों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी आशाओं से जुडकर कुछ कहती है उजालों की सुबह संग राहों की पुकार बदलावों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी आवाजों से जुडकर कुछ कहती है किनारों की मुस्कान संग अफसानों की उमंग लहरों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी उम्मीदों से जुडकर कुछ कहती है नजारों की आस संग दास्तानों की पहचान इरादों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी तरानों से जुडकर कुछ कहती है सपनों की पुकार संग नजारों की सोच एहसासों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी खयालों से जुडकर कुछ कहती है अंदाजों की पहचान संग लहरों की समझ जज्बातों की महफिल देकर चलती है।

लम्हों की कहानी बदलावों से जुडकर कुछ कहती है उजालों की सोच संग अल्फाजों की दुनिया किनारों की महफिल देकर चलती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...