Wednesday, 6 August 2025

कविता. ५५९१. किसी सपने की आहट से।

                      किसी सपने की आहट से।

किसी सपने की आहट मे आशाओं की सुबह होती है अंदाजों के अरमानों संग उजालों की लकीरे उमंग बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे आवाजों की पहचान होती है कदमों के अल्फाजों संग जज्बातों की आशाएं सरगम बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे दास्तानों की तलाश होती है अरमानों के खयालों संग उम्मीदों की‌ राहे बदलाव बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे एहसासों की सौगात होती है दिशाओं के कदमों संग तरानों की लहरे उम्मीद बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे इशारों की सोच होती है नजारों के अफसानों संग बदलावों की अदाएं पुकार बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे अंदाजों की पहचान होती है जज्बातों के लम्हों संग आवाजों की कोशिशें तलाश बनकर‌ उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे दिशाओं की अहमियत होती है किनारों के उम्मीदों संग कदमों की सौगातें दास्तान बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे नजारों की परख होती है दास्तानों के राहों संग खयालों की मुस्काने अरमान बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे किनारों की पहचान होती है आशाओं के आशाओं संग दास्तानों की दिशाएं आस बनकर उडाने भरती है।

किसी सपने की आहट मे अरमानों की तलाश होती है इरादों के लम्हों संग अफसानों की उम्मीदे‌ आवाज बनकर उडाने भरती है।

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