Sunday, 24 August 2025

कविता. ५६०९. आवाज संग मुस्कान अक्सर।

                        आवाज संग मुस्कान अक्सर।

आवाज संग मुस्कान अक्सर एहसास दिलाती है लहरों को खयालों की सरगम सपना सुनाती है अदाओं की अहमियत पुकार दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर कोशिश दिलाती है राहों को अरमानों की सोच उमंग सुनाती है दिशाओं की अहमियत खयाल दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर बदलाव दिलाती है अंदाजों को नजारों की आहट सोच सुनाती है उजालों की अहमियत दास्तान दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर रोशनी दिलाती है आशाओं को बदलावों की पुकार अरमान सुनाती है जज्बातों की अहमियत तराना दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर आस दिलाती है कदमों को अल्फाजों की सौगात तलाश सुनाती है किनारों की अहमियत उम्मीद दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर परख दिलाती है इशारों को दिशाओं की राह समझ सुनाती है एहसासों की अहमियत सुबह दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर पहचान दिलाती है कदमों को दास्तानों की सौगात तलाश सुनाती है आशाओं की अहमियत कहानी दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर जज्बात दिलाती है लहरों को लम्हों की पहचान उम्मीद सुनाती है अंदाजों की अहमियत सहारा दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर समझ दिलाती है किनारों को जज्बातों की रोशनी अफसाना सुनाती है राहों की अहमियत उमंग दिलाती है।

आवाज संग मुस्कान अक्सर तलाश दिलाती है अल्फाजों को राहों की आहट सरगम सुनाती है इरादों की अहमियत सरगम दिलाती है।

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कविता. ५६०९. आवाज संग मुस्कान अक्सर।

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