Saturday, 6 July 2019

कविता. २९७८. हर सुबह कि शुरुआत संग।

                                                               हर सुबह कि शुरुआत संग।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई कहानी बनती है आशाओं को कदमों से जुडने कि दिशाएं देती है हवाओं को कुदरत के एहसास कि धारा देती है अंदाजों को किनारों कि तलाश सहारे देती है तरानों को अदाओं कि दुनिया परख देती है खयालों को एहसासों कि रोशनी उजाले देती है उम्मीदों को किनारे कि दुनिया दिशाएं देती है तलाश को आशाओं कि परख सहारे देती है खयालों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई आवाज बनती है अंदाजों को जज्बातों से जुडने कि कोशिश देती है आशाओं को हवाओं के पुकार कि तलाश देती है अदाओं को दिशाओं कि सोच सहारे देती है दास्तानों को अंदाजों कि परख किनारे देती है रंगों को नजारों कि पहचान इशारे देती है आशाओं को लहरों कि दुनिया सोच देती है खयालों को एहसासों कि रोशनी उजाले देती है मौसम को हवाओं के संग आशाओं कि सोच सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई पुकार बनती है अदाओं को लहरों से जुडने कि तलाश देती है अंदाजों को दिशाओं के राह कि दुनिया देती है आशाओं को कदमों कि आहट पुकार देती है अफसानों को रोशनी कि परख उजाले देती है दास्तानों को आशाओं कि पहचान इशारे देती है अल्फाजों को किनारों कि तलाश राहे देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को दास्तानों कि उमंग राह कि समझ सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई समझ बनती है आशाओं को तरानों से जुडने कि कोशिश देती है जज्बातों को परख के अंदाज कि सोच देती है कोशिश को अफसानों कि सोच इशारे देती है आशाओं को खयालों कि सरगम धून देती है अदाओं को लहरों कि समझ तराने देती है आशाओं को कदमों कि आहट पुकार देती है अफसानों को किनारों कि तलाश सोच देती है अंदाजों को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई समझ बनती है अंदाजों को जज्बातों से जुडने कि उम्मीद देती है उजालों को कदमों के किनारों कि सोच देती है आशाओं को सपनों कि सरगम धून देती है अल्फाजों को आशाओं कि परख सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि परख सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच समझ देती है अंदाजों को दास्तानों कि उमंग उम्मीद देती है आशाओं को दिशाओं कि सोच सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई आवाज बनती है आशाओं को लहरों से जुडने कि कोशिश देती है सपनों को अरमानों के दास्तानों कि उमंग देती है अंदाजों को जज्बातों कि तलाश राहे देती है आशाओं को किनारों कि दुनिया लहरे देती है कदमों को अंदाजों कि दुनिया दास्ताने देती है आवाजों को धून कि कोशिश पुकार देती है दिशाओं को लहरों कि कोशिश पुकार देती है परख को खयालों कि कोशिश सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई उमंग बनती है अदाओं को कदमों से जुडने कि उम्मीद देती है अफसानों को एहसासों के इशारों कि दुनिया देती है किनारों को लहरों कि उमंग नजारे देती है दास्तानों को अंदाजों कि पहचान परख देती है आशाओं को दिशाओं कि पहचान इशारे देती है खयालों को जज्बातों कि तलाश समझ देती है कोशिश को जज्बातों कि सोच परख देती है अंदाजों को दास्तानों कि उमंग सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई उजाले बनती है अंदाजों को किनारों से जुडने कि कोशिश देती है आशाओं को अफसानों के दिशाओं कि सोच देती है कदमों को आशाओं कि दुनिया दास्तान देती है राहों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है नजारों को दिशाओं कि समझ इशारे देती है अंदाजों को अल्फाजों कि राह उम्मीद देती है अफसानों को एहसासों कि रोशनी उजाले देती है आशाओं को किनारों कि तलाश सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई कहानी बनती है कोशिश को अफसानों से जुडने कि उम्मीद देती है दास्तानों को जज्बातों के आशाओं कि परख देती है किनारों को अल्फाजों कि राह तराने देती है अदाओं को लहरों कि दुनिया जज्बात देती है अफसानों को एहसासों कि सोच किनारे देती है कदमों को अंदाजों कि पहचान परख देती है अदाओं को आशाओं कि परख उम्मीदे देती है अल्फाजों को जज्बातों कि आस सहारे देती है।
हर सुबह कि शुरुआत संग कोई उमंग बनती है कदमों को आशाओं से जुडने कि कोशिश देती है दिशाओं को बदलावों के अदाओं कि दुनिया देती है अंदाजों को किनारों कि तलाश लहरे देती है दास्तानों को आशाओं कि परख राह देती है कदमों को अंदाजों कि दुनिया अफसाने देती है किनारों को लहरों कि पहचान नजारे देती है दिशाओं को बदलावों कि दास्तान इशारे देती है आशाओं को लहरों कि दुनिया सहारे देती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...