Saturday, 10 May 2025

कविता. ५५०३. आवाज की सरगम अक्सर।

                          आवाज की सरगम अक्सर।

आवाज की सरगम अक्सर जज्बात सुनाती है लम्हों को एहसासों की सुबह आहट सुनाती है आशाओं को धाराओं की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अफसाना सुनाती है नजारों को लम्हों की अहमियत पुकार सुनाती है कदमों को अरमानों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर मुस्कान सुनाती है अरमानों को दास्तानों की समझ तराना सुनाती है खयालों को सपनों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर आस सुनाती है अल्फाजों को जज्बातों की आहट सोच सुनाती है किनारों को अफसानों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अरमान सुनाती है अंदाजों को इशारों की कोशिश पहचान सुनाती है लहरों को राहों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर सपना सुनाती है उजालों को अंदाजों की पुकार तराना सुनाती है जज्बातों को बदलावों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर परख सुनाती है उम्मीदों को तरानों की आहट इरादा सुनाती है इशारों को अदाओं की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर पुकार सुनाती है दास्तानों को लम्हों की पहचान कोशिश सुनाती है कदमों को अल्फाजों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर उमंग सुनाती है किनारों को खयालों की राह बदलाव सुनाती है तरानों को नजारों की सौगात दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर उम्मीद सुनाती है राहों को अल्फाजों की दुनिया पहचान सुनाती है अरमानों को लहरों की सौगात दिलाती है।

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कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

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