Saturday, 17 May 2025

कविता. ५५१०. उम्मीद की सौगात अक्सर।

                          उम्मीद की सौगात अक्सर।

उम्मीद की सौगात अक्सर तरानों की सरगम सुनाती है आशाओं की राह से जुडकर दिशाएं एहसास दिलाती है इरादों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर अरमानों की सोच सुनाती है अल्फाजों की दुनिया से जुडकर कोशिश मुस्कान दिलाती है लहरों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर खयालों की उमंग सुनाती है आवाजों की धून से जुडकर दास्तान अंदाज दिलाती है कदमों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर एहसासों की परख सुनाती है नजारों की आस से जुडकर सुबह सपना दिलाती है किनारों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर दिशाओं की महफिल सुनाती है अफसानों की उमंग से जुडकर पहचान तराना दिलाती है अरमानों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर अंदाजों की पुकार सुनाती है बदलावों की आहट से जुडकर दास्तान अफसाना दिलाती है अदाओं को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर इरादों की समझ सुनाती है अंदाजों की पहचान से जुडकर सरगम पुकार दिलाती है दास्तानों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर जज्बातों की कोशिश सुनाती है धाराओं की समझ से जुडकर रोशनी सोच दिलाती है लम्हों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर नजारों की तलाश सुनाती है इशारों की तलाश से जुडकर अहमियत सौगात दिलाती है अफसानों को आवाज सुनाती है।

उम्मीद की सौगात अक्सर इशारों की आस‌ सुनाती है एहसासों की कोशिश से जुडकर उम्मीद उजाला दिलाती है दिशाओं को आवाज सुनाती है।

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