Thursday, 15 May 2025

कविता. ५५०८. उजालों को सपनों की।

                         उजालों को सपनों की।

उजालों को सपनों की आहट संग सुबह अफसाना सुनाती है एहसासों संग जज्बातों की तलाश बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की पुकार संग आवाज सरगम सुनाती है कदमों संग उम्मीदों की सौगात बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की सौगात संग पहचान इशारा सुनाती है खयालों संग नजारों की आस बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की लहर संग कोशिश अरमान सुनाती है आशाओं संग अफसानों की लहर बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की आस संग दास्तान अल्फाज सुनाती है आवाजों संग तरानों की रोशनी बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की मुस्कान संग राह अहमियत सुनाती है नजारों संग लम्हों की उम्मीद बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की आवाज संग आस तलाश सुनाती है अंदाजों संग किनारों की मुस्कान बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की परख संग उमंग इशारा सुनाती है जज्बातों संग आशाओं की अहमियत बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की उम्मीद संग समझ अंदाज सुनाती है तरानों संग लहरों की कहानी बदलाव दिलाती है।

उजालों को सपनों की पहचान संग सोच अल्फाज सुनाती है अरमानों संग राहों की समझ बदलाव दिलाती है।


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