Wednesday, 28 May 2025

कविता. ५५२१. राहों को अरमानों की।

                             राहों को अरमानों की।

राहों को अरमानों की समझ‌ इशारा दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया किनारा दिलाती है जज्बातों को आशाओं की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की सौगात दास्तान दिलाती है कदमों को लहरों की कहानी उम्मीद दिलाती है तरानों को अफसानों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की आस पहचान दिलाती है उजालों को सपनों की आहट आवाज दिलाती है उम्मीदों को तरानों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की उमंग मुस्कान दिलाती है इरादों को एहसासों की कोशिश बदलाव दिलाती है‌ दिशाओं को नजारों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की उम्मीद तलाश दिलाती है किनारों को अदाओं की धून तराना दिलाती है अंदाजों को लम्हों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की सोच खयाल दिलाती है उम्मीदों को सपनों की आस इरादा दिलाती है एहसासों को कदमों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की कोशिश उजाला दिलाती है दिशाओं को अफसानों की सोच पुकार दिलाती है बदलावों को तरानों की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की अहमियत परख दिलाती है लम्हों को बदलावों की आहट लहर दिलाती है खयालों को अदाओं की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की तलाश किनारा दिलाती है अल्फाजों को इशारों की सौगात पुकार दिलाती है लहरों को दिशाओं की सरगम दिलाती है।

राहों को अरमानों की रोशनी आस दिलाती है आवाजों को धाराओं की धून कोशिश दिलाती है आशाओं को इरादों की सरगम दिलाती है।


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