Tuesday, 20 May 2025

कविता. ५५१३. आवाज संग सपनों की।

                           आवाज संग सपनों की।

आवाज संग सपनों की आहट अल्फाज दिलाती है इशारों को जज्बातों की समझ तलाश सुनाती है अरमानों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की उम्मीद दास्तान दिलाती है तरानों को बदलावों की पुकार इरादा सुनाती है एहसासों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की सोच खयाल दिलाती है अफसानों को नजारों की कोशिश आस सुनाती है तरानों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की उमंग आहट दिलाती है अरमानों को कदमों की सौगात पहचान सुनाती है राहों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की सरगम तराना दिलाती है किनारों को इशारों की आहट अफसाना सुनाती है नजारों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की लहर अल्फाज दिलाती है लम्हों को अरमानों की दुनिया दास्तान सुनाती है उजालों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की सोच एहसास दिलाती है दिशाओं को किनारों की सुबह कहानी सुनाती है अदाओं की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की रोशनी कोशिश दिलाती है उम्मीदों को तरानों की सरगम बदलाव सुनाती है आशाओं की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की पुकार इरादा दिलाती है खयालों को नजारों की आस पुकार सुनाती है जज्बातों की सोच देकर जाती है।

आवाज संग सपनों की पहचान मुस्कान दिलाती है राहों को बदलावों की अदा उजाला सुनाती है अंदाजों की सोच देकर जाती है।

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कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

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