Friday, 9 May 2025

कविता. ५५०२. कदमों को अल्फाजों की।

                           कदमों को अल्फाजों की।

कदमों को अल्फाजों की दुनिया सरगम सुनाती है तरानों की आहट संग आशाओं की महफिल आवाज दिलाती है दिशाओं की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की समझ अहमियत सुनाती है अंदाजों की पुकार संग अरमानों की सोच तलाश दिलाती है उजालों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की उमंग सौगात सुनाती है एहसासों की आस संग अफसानों की उम्मीद इशारा दिलाती है उम्मीदों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की सोच इशारा सुनाती है खयालों की दुनिया संग अंदाजों की पहचान तराना दिलाती है राहों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की सुबह दास्तान सुनाती है उजालों की परख संग एहसासों की रोशनी आस दिलाती है लहरों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की आस पहचान सुनाती है लहरों की कहानी‌ संग उम्मीदों की आहट बदलाव दिलाती है आशाओं की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की तलाश पुकार सुनाती है अरमानों की सोच संग आवाजों की धून अदा दिलाती है खयालों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की उम्मीद तलाश सुनाती है नजारों की रोशनी संग जज्बातों की दुनिया किनारा दिलाती है इशारों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की पुकार एहसास सुनाती है जज्बातों की लहर संग नजारों की मुस्कान अरमान दिलाती है लम्हों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की पहचान आस सुनाती है अफसानों की सुबह संग इरादों की आहट अंदाज दिलाती है बदलावों की कोशिश दिलाती है।

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कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

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