Wednesday, 21 May 2025

कविता. ५५१४. एक पुकार अक्सर।

                           एक पुकार अक्सर।

एक पुकार अक्सर जज्बात सुनाती है एहसासों की आस पहचान दिलाती है लहरों को दास्तानों की समझ तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर अंदाज सुनाती है उजालों की सुबह अफसाना दिलाती है उम्मीदों को तरानों की आस तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर कोशिश सुनाती है इशारों की परख उम्मीद दिलाती है सपनों को राहों की आवाज तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर उमंग सुनाती है उम्मीदों की सौगात इशारा दिलाती है किनारों को कदमों की आस तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर पुकार सुनाती है जज्बातों की रोशनी नजारा दिलाती है अंदाजों को इशारों की सोच तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर अरमान सुनाती है कदमों की पुकार बदलाव दिलाती है खयालों को लम्हों की  कोशिश तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर तराना सुनाती है अंदाजों की परख जज्बात दिलाती है नजारों को दिशाओं की महफिल तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर खयाल सुनाती है लहरों की कहानी कोशिश दिलाती है आशाओं को बदलावों की इरादा तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर समझ सुनाती है किनारों की आस एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की आहट तलाश दिलाती है।

एक पुकार अक्सर अल्फाज सुनाती है दास्तानों की  राह उम्मीद दिलाती है बदलावों को धाराओं की आस तलाश दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...