Monday, 16 June 2025

कविता. ५५४०. खयालों को सपनों की।

                         खयालों को सपनों की।

खयालों को सपनों की आहट सरगम सुनाती है तरानों की पुकार अक्सर बदलाव दिलाती है दास्तानों को नजारों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की तलाश अल्फाज सुनाती है एहसासों की सरगम अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को उजालों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की सुबह अरमान सुनाती है इरादों की पहचान अक्सर मुस्कान दिलाती है आशाओं को अफसानों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की समझ तराना सुनाती है आशाओं की महफिल अक्सर लहर दिलाती है राहों को अरमानों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की सोच मुस्कान सुनाती है अल्फाजों की समझ अक्सर पहचान दिलाती है दिशाओं को किनारों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की रोशनी अफसाना सुनाती है अदाओं की धून अक्सर इशारा दिलाती है उजालों को उम्मीदों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की परख आवाज सुनाती है लहरों की कहानी अक्सर सहारा दिलाती है बदलावों को धाराओं की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की समझ दास्तान सुनाती है उजालों की आहट अक्सर पहचान दिलाती है आशाओं को अंदाजों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की उमंग मुस्कान सुनाती है कदमों की सौगात अक्सर अहमियत दिलाती है नजारों को लम्हों की कोशिश दिलाती है।

खयालों को सपनों की सौगात तलाश सुनाती है इशारों की तलाश अक्सर एहसास दिलाती है जज्बातों को लहरों की कोशिश दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...