Thursday, 26 June 2025

कविता. ५५५०. एहसासों की समझ संग।

                         एहसासों की समझ संग।

एहसासों की समझ संग आशाओं की आहट तलाश दिलाती है किनारों को अंदाजों की सौगात अक्सर इशारों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग आवाजों की धून इरादा दिलाती है नजारों को लम्हों की अहमियत अक्सर उम्मीदों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग लहरों की कहानी अल्फाज दिलाती है तरानों को बदलावों की सुबह अक्सर जज्बातों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग राहों की पहचान खयाल दिलाती है अरमानों को दास्तानों की सोच अक्सर इरादों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग किनारों की मुस्कान सरगम दिलाती है उजालों को सपनों की कोशिश अक्सर अंदाजों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग अफसानों की आस उमंग दिलाती है धाराओं को दिशाओं की सौगात अक्सर कदमों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग दिशाओं की रोशनी सुबह दिलाती है जज्बातों को लहरों की आहट अक्सर अदाओं की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग उम्मीदों की धारा आवाज दिलाती है इशारों को अरमानों की आस अक्सर अल्फाजों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ‌ संग‌ जज्बातों की सोच कोशिश दिलाती है बदलावों को धाराओं की सरगम अक्सर उजालों की पुकार दिलाती है।

एहसासों की समझ संग कदमों की पुकार अफसाना दिलाती है आशाओं को अफसानों की तलाश अक्सर इरादों की पुकार दिलाती है।



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                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...