Monday, 2 June 2025

कविता. ५५२६. आशाओं को अफसानों की।

                         आशाओं को अफसानों की।

आशाओं को अफसानों की सौगात अक्सर एहसास दिलाती है लहरों को खयालों की राह सरगम सुनाती है उजालों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की उमंग अक्सर पुकार दिलाती है जज्बातों को बदलावों की रोशनी अरमान सुनाती है लम्हों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की तलाश अक्सर आवाज दिलाती है उम्मीदों को तरानों की अहमियत कहानी सुनाती है दिशाओं की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की कोशिश अक्सर इशारा दिलाती है अंदाजों को सपनों की आहट मुस्कान सुनाती है राहों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की सोच अक्सर खयाल सुनाती है एहसासों को अदाओं की आस दास्तान सुनाती है किनारों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की लहर अक्सर जज्बात सुनाती है कदमों को अल्फाजों की सौगात पहचान सुनाती है अरमानों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की सुबह अक्सर कोशिश सुनाती है दास्तानों को नजारों की राह अंदाज सुनाती है तरानों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की उम्मीद अक्सर इशारा सुनाती है दिशाओं को जज्बातों की आहट तलाश सुनाती है अदाओं की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की पहचान अक्सर सपना सुनाती है तरानों को इशारों की सोच बदलाव सुनाती है अरमानों की समझ सुनाती है।

आशाओं को अफसानों की आस अक्सर पहचान सुनाती है इरादों को उजालों की सुबह उमंग सुनाती है सपनों की समझ सुनाती है।


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